पर्यावरण Poem by Shiv Chandra

पर्यावरण

Rating: 5.0

पर्यावरण को बचाना हमारा ध्येय हो
सबके पास इसके लिए समय हो
पर्यावरण अगर नहीं रहेगा सुरक्षित
हो जायेगा सबकुछ दूषित
भले ही आप पेड़ लगाये एक
पूरी तरह करे उसकी देखरेख
सौर उर्जा का करे सब उपयोग
कम करे ताप विद्युत् का उपभोग
रासायनिक खाद का कम करे छिडकाव
भूमि को प्रदूषित होने से बचाव
कचड़ो का समुचित रीती से करो निपटारा
फिर न होगी कोई नदी प्रदुषण का मारा
फैक्ट्रियो में जब सौर यन्त्र लगाई जाएँगी
वायु प्रदुषण में अपने आप कमी आएँगी
तब जाकर पर्यावरण प्रदुषण में कमी आएँगी
आधी बीमारिया अपने आप चली जाएगी

पर्यावरण
Saturday, October 3, 2015
Topic(s) of this poem: environment
COMMENTS OF THE POEM
Deepika 06 April 2019

You should also put one peom on Bhumi pradution

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Rajnish Manga 04 October 2015

बढ़ते प्रदूषण की समस्या हमारे देश के साथ साथ वैश्विक स्तर पर भयावह रूप ले चुकी है. हवा, पानी तक महफूज़ नहीं हैं. इस कविता में प्रदूषण व उसके नियंत्रण के बारे में सुंदर विचार रखे गए हैं. यह एक अच्छी तथा सामयिक रचना है. धन्यवाद.

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Kumarmani Mahakul 03 October 2015

Yes saving environment is a nice task and pollution control is necessary to bring back freshness in air. Wonderful piece of work shared here....10

1 0 Reply
Vishal Sharma 03 October 2015

Gud stuff again You a rock star I like ur poema

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