Ahtesham Poetry

Ahtesham Poetry Poems

वो बैठा था लोगों की उस भीड़ में अकेला
सा जैसे ब्राह्मणों में बैठा कोई अछूत।

लम्बे, गंदे, और बिखरे-उलझे बाल,
...

भुला नहीं हूँ। अभी इतना तो याद है।

जब तू खड़ा होने कि कोशिश करता था ना, और कांपते हुऐ पाओं से चलने कि चाह में बार बार गिरता था,
...

अधूरा हो गया हूं इतना मैं तेरे जाने के बाद,
सहारा हो गया बेसहारा तेरे जाने के बाद।

कभी जो याद करके बातें तेरी खिलखिलाता हूं,
...

मचल जाता हूँ जब जब देखता तस्वीर हूँ उसकी,
है कितनी खूबसूरत रूह उसकी डूब जाता हूँ।
नहीं है खूबसूरत चाँद सी ना रात जैसी है,
अंधेरे में उजाला करने वाली चांदनी सी है।
...

The Best Poem Of Ahtesham Poetry

Shayari

बेवकूफ़ और बदअक्ल हैं वो लोग,
जो मोहब्बत मे मरने मारने की बात करते हैं।
ये तो नाम है जिन्दगी का,
फिर क्यूँ इस पर एख़तलाफ करते हैं।

Ahtesham Poetry Comments

Ahtesham 17 April 2020

Ahtesham poetry

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