Ahtesham Poetry Poems

Hit Title Date Added
1.
Shayari

2.
अकेला तन्हा

वो बैठा था लोगों की उस भीड़ में अकेला
सा जैसे ब्राह्मणों में बैठा कोई अछूत।

लम्बे, गंदे, और बिखरे-उलझे बाल,
...

3.
सफ़र

भुला नहीं हूँ। अभी इतना तो याद है।

जब तू खड़ा होने कि कोशिश करता था ना, और कांपते हुऐ पाओं से चलने कि चाह में बार बार गिरता था,
...

4.
अधूरा

अधूरा हो गया हूं इतना मैं तेरे जाने के बाद,
सहारा हो गया बेसहारा तेरे जाने के बाद।

कभी जो याद करके बातें तेरी खिलखिलाता हूं,
...

5.
शीर ❤

मचल जाता हूँ जब जब देखता तस्वीर हूँ उसकी,
है कितनी खूबसूरत रूह उसकी डूब जाता हूँ।
नहीं है खूबसूरत चाँद सी ना रात जैसी है,
अंधेरे में उजाला करने वाली चांदनी सी है।
...

Close
Error Success