गति ही जीवन
बुधवार, २ सितम्बर २०२०
प्रकृति सजीवन है
गति ही जीवन है
ये संसार सारा उपवन है
हम उस वनके मानवफूल है।
एक जाता
ओर दुसरा आता
कोई नाम कमाता
कोई नाम नीलाम नाम कराता।
यदि फैलाना चाहो अपने आपको
तो मान - जीवन को महकाओ
अपने जीवन पर चार चाँद लगाओ
कोई पीछे याद करे ऐसा काम करके जाओ।
नालेना किसी से उधार
अपकार का बदलादेनाकर के उपकार
बनो दानवीर, शूरवीर या चित्रकार
पर ना बनो विषैले, कभी रख के अहंकार ।
फूल बनो सुगंध को प्रस्रावो
पर अग्नि बनकर ना जलाओ
सब के चेहरेपर ख़ुशी को जताओ
नाचीज हो, नादान हो, इसे कभी ना जुठलाओ।
ये जीवनहै बेशुमार कीमती
प्रभु को कहना, दे मुझे सन्मति
जीना है तो सहना पडेगा
आगे भी तो बढ़ना पडेगा।
अकेले आए हो, जाओगे भी अकेले
संसार के सब दुःख को झेले
रहोगे यदि मन के मतवाले
कहलाओगे सज्जन और हिम्मतवाले।
डॉ जाड़िआ हसमुख
गुरुजी सादर प्रणाम एवं शुभ संध्या, गुरुजी, आपके द्वारा रचित रचना " गति ही जीवन" एक बहुत प्रभावशाली रचना हैं जिसका सारांश है " जीवन बहुमूल्य हैं, मत गवां" ले मत उधार, करता जा उपकार " आपका बहुत बहुत आभार, कि आपने इतनी प्रभावशाली रचना से हम सबको जिंदगी का महत्व समझाया।। आपका छोटा सा शिष्य (शरद भाटिया)
Poem: 59099583 - गति ही जीवन Member: Sharad Bhatia Comment: गुरुजी सादर प्रणाम एवं शुभ संध्या, गुरुजी, आपके द्वारा रचित रचना " गति ही जीवन" एक बहुत प्रभावशाली रचना हैं
Poem: 59099583 - गति ही जीवन जिसका सारांश है " जीवन बहुमूल्य हैं, मत गवां" ले मत उधार, करता जा उपकार " आपका बहुत बहुत आभार, कि आपने इतनी प्रभावशाली रचना से हम सबको जिंदगी का महत्व समझाया।। आपका छोटा सा शिष्य (शरद भाटिया)
S. R Chandralekha 👏💕👏Wah! ! Very true 🙏🙏🙏🌷🌹🌿🌿🌿 1 Hide or report this Like · Reply · 8h
welcome..Jaswant Singh Bhalla Edit or delete this Like · Reply · 1m
welcome ...s r chandrslekha 1 Edit or delete this Like · Reply · 1m
Om Prakash अप्रतिम अद्भुत अनुपम अनुभूति व अभिव्यक्ति ।। साधुवाद।। 1 Hide or report this Like · Reply · See Translation · 35m
welcome Om Prakash 83 mutual friends Add Friend · Reply ·
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रहोगे यदि मन के मतवाले कहलाओगे सज्जन और हिम्मतवाले। डॉ जाड़िआ हसमुख