कैसे कोइ Poem by Savita Tyagi

कैसे कोइ

Rating: 5.0

कैसे कोइ कहे हाले दिल
कैसे कोइ बाटे किसी का दुख।

कैसे कोइ छुए किसी का मन
कैसॆ कोइ थामॆं किसी का हाथ।।

कैसे कोइ तोड़े ये बन्धन हृदय के
कैसे कोइ करे ये फासले पार।

कैसॆ कोइ तन को पंछी बनाये
उड़ कर जो जाये वो सागर के पार।।
कैसे कोइ…..

Saturday, January 21, 2017
Topic(s) of this poem: emotions
COMMENTS OF THE POEM
Akhtar Jawad 07 February 2017

Human emotions nicely penned.

0 0 Reply
Savita Tyagi 07 February 2017

Thank you Akhtarji.

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