तु नहीं तो कोई और या नहीं Poem by Raj Rathod

तु नहीं तो कोई और या नहीं

तु नहीं तो कोई और या नहीं!
कोई और तो कोई और या नहीं!

तेरी बेरुखी को भूलूँ या कोई जवाब दूँ
वो जो दूर जा रहा है जाने दूँ या आवाज दूँ
तुझको मैं भूल जाऊं मुझपर ये जोर कैसा है
खुद के हाल बदले नहीं फिर ये शोर कैसा है
जिस्म के गहरे घावों को मरहम दूँ या नहीं
तु नहीं तो कोई और या नहीं!
कोई और तो कोई और या नहीं!

नए चेहरे पसंद आने लगे हैं उनको नया आयाम दूँ,
या फिर तेरे लौट आने का खुद को झूठापयाम दूँ,
बीत रहे हैं पुराने मौसम इन्हे बीत जाने दूँ क्या?
नवीन मौसम की बौछारें खुद पर गिर जाने दूँ क्या?
मैं जो कर रहा हूँ सहीं है या नहीं?
तु नहीं तो कोई और या नहीं!
कोई और तो कोई और या नहीं!

Thursday, November 15, 2018
Topic(s) of this poem: heart song,heartbreak,hindi,love
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Raj Rathod

Raj Rathod

Khargone, India
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