Cash-Less Poem by KALYAN SINGH CHOUHAN

Cash-Less

**केश-लेश**
ये देशो का देश है ।
यहाँ केश ही केश है ॥
मोदीजी आपके राज में ।
यहाँ केश ही केशलेश है ॥
यहाँ ऐश ही ऐश है
अभिषेक संग ऐश है
अब देश संग केशलेश है
जो सोते कभी नोटो की सैया पर
थे सवार कभी वोटो की नैया पर
यहाँ थे वे रावण इस वेश में
थे वे यहाँ दामण इस देश में
और रहते थे राम के देश में
मोदीजी आपके राज में
यहाँ केश ही केशलेश है
सुख गए वो होठ आपके एक वार से
लड़े हो बिना खड्ग बिना तलवार से
तलवार नहीं इस कलम की धार से
घायल हुवा आतंक भी विमुद्र के वार से
खाली अब काला समुंद्र भी इस संसार से
ये देशो का देश है
यहाँ केश ही केश है
मोदीजी आपके राज में
यहाँ केश ही केशलेश है
कहे कविकल्याण वाणी
युगपुरुष हो युगो चलोगे
अब तुम विश्वाध्यक्ष कहलावोगे
हाँ ये गंगा तेरा ही देश है
हाँ यहाँ गीता के उपदेश है
हाँ यहाँ ब्रह्मा-विष्णु-महेश है
हाँ ये आर्यभट्ट का देश है
हाँ यहाँ प्रगट सी रेस है
हाँ ये बुलेट ट्रेन का देश है
देश ये- मोदी ब्रेन का देश है
धरा पर अब स्पेश ही स्पेश है
दोस्तों यहाँ अब ऐश ही ऐश है
यहाँ अब मोदी संग देश है
ये देशो का देश है
यहाँ केश ही केश है
मोदीजी आपके राज में
यहाँ केश ही केशलेश है
अब विश्वजहां के आतंकी पीटिंगे
यहाँ अब नीर नहीं - नोट बहेंगे
खूब लड़ेंगे-खूब सहेंगे-माननीय
इस रण में डटेंगे-पीछे न हटेंगे
सबसे प्यारा मेरा ये देश है
यहाँ आजादी के अवशेष है
ऐश-ऐश- ऐश ही कैशलेश है
यहाँ केश ही केशलेश है
यहाँ ऐश संग अभिषेक है
ये देशो का ही देश है ।
यहाँ केश ही केश है ॥
मोदीजी आपके राज में ॥
अब यहाँ केश ही केशलेश है ।
यहाँ अब केश ही केशलेश है ।
कवि-कल्याणराज
kavikalyanraj@yahoo.in

Saturday, December 10, 2016
Topic(s) of this poem: country
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**केश-लेश**
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