जीवन की धुरा
सोमवार, ३० जुलाई २०१८
जन मन मे समाया
सालों के बाद नया सितारा आया
देखो! देश के भाग्य का फैसला होगा
वतन की साख में चार चाँद लगाएगा।
दूसरी छबि जसोदाबेन की आई
पवित्रता की त्यागमूर्ति भी आगे आई
देश की नारी शक्ति का एक प्रतिबिम्ब
त्याग का इक जीता जागता बिम्ब।
ना कोई चमक ना कोई झिझक
बस मन में अंकित हो गई एक झलक
पहली बार सूना एक दैवी के रूप में
सादगी की झलक दिख रही थी अपने आप में।
भारतदर्शन की स्वयं झांकी
भले हो जीवन में एकाकी
भारतमाताकी सेवा का उत्कृष्ट प्रदर्शन
यही तो है हमारा भारतदर्शन।
पहाड़ी प्रदेश की परम्परा का अवलोकन
मिलता रहे सबका मार्गदर्शन
नारीशक्ति सदैव आगे रहे दे के बलिदान
यही तो है उनका योगदान महान।
जसोदाबेन ने बता दिया
"नारी ही एकता का प्रतिक" यह भी समझा दिया
ना हो नारी की अवहेलना
बस प्रतिक बनी रहे नारीचेतना
आप जैसी नारी का दर्शन पाकर हम धन्य हुए
पहली बार विचार जानकार मन्त्रमुग्ध हुए
कला का संगम नारी के बिना अधुरा है
वो ही तो हमारे जीवन की धुरा है।
हसमुख अमथालाल मेहता
कला का संगम नारी के बिना अधुरा है वो ही तो हमारे जीवन की धुरा है।......so true. This is a beautiful poem on woman nicely executed.
welcome Sunita Chànda Ks 1 mutual friend 1 Manage Like · Reply · 1m
welcome Affaq Nabi 61 mutual friends 1 Manage Like · Reply · 1m
S.r. Chandrslekha Nicely written. 1 Manage Like · Reply · 1h
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आप जैसी नारी का दर्शन पाकर हम धन्य हुए पहली बार विचार जानकार मन्त्रमुग्ध हुए कला का संगम नारी के बिना अधुरा है वो ही तो हमारे जीवन की धुरा है। हसमुख अमथालाल मेहता