जोड़ी बेमिसाल है.. jodi bemisaal hai Poem by Mehta Hasmukh Amathaal

जोड़ी बेमिसाल है.. jodi bemisaal hai

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जोड़ी बेमिसाल है

में कह न सकी दिल की बात
और आ गयी मिलन की रात
जो थे दिल में अरमान वो तो सोते ही रह गए
हम भी थे अनजान, अनकहे ही रेह गए।

वो भी क्या दिन थे जब हम मिलते थे!
सपने संजोते और दिल को टटोलते थे
न मिलते थे कभी कभी, पर बात हो जाती थी
कुछ न कह पाते तो, आँखे लड़ जाती थी।

हमारा कहा आप मानते थे और हम आपका
जैसे हो संसार बना हमारे सुनहरे ख्वाब का
किश्ती पे सवार होकर हमें आगे चलना था
मुश्किल तो ये था कि हमें पहले मिलना था।

मेने सजाये थे रंगीन सपने
बनाने थे पराये अपने
मन को सताती थी बहूत परेशानियां
पर वो सदा कहते थे ' वो सब है हमारी परछाइयाँ '

नदी का पानी बहता रहता है
हम को भी तो तैयार रहना है
नदी के दोनों तट को, हमें समालना है
यही तो है मकसद, उसे न भूलना है।

जब दिया हाथ एक दुसरेके हांथ में
ख़ुशी भी है कि सदा मिला साथ है
अब हमे करके दिखाना कमाल है
लोग भी कहते है कि'जोड़ी बेमिसाल है '

न कहु कुछ कभी, fir bhi दिल में यह ख़याल है
क्यों दिल में उठ रहे यह सब सवाल है?
हमारा सोचना बस आगे ही बढ़ना है
करू काम ऐसा मिले बस रूतबा और नामना है।

COMMENTS OF THE POEM
Geetha Jayakumar 17 February 2014

A Beautiful poem. Really jodi bemisaal hai... Per aapki kavita bhi to bemisaal hai. Loved reading it. Thanks for sharing.

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Mehta Hasmukh Amathaal

Mehta Hasmukh Amathaal

Vadali, Dist: - sabarkantha, Gujarat, India
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