Nishabd - निशब्द Poem by Abhaya Sharma

Nishabd - निशब्द

निशब्द हुआ
मै परख रहा था
शांति-भाव की उत्तमता
भूली-बिसरी यादें लेकर
बस निरख रहा था सुंदरता
क्या अनंत आदि काल से
चिर-सुख सदा महकता था
जीवन, जीवन के श्रम में
क्या नही छिपी है मोहकता

अभय शर्मा

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Abhaya Sharma

Abhaya Sharma

Bijnor, UP, India
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