Samay - समय! Poem by Abhaya Sharma

Samay - समय!

समय!
तुम्हारे साथ साथ चलता हूं मैं
तुम रुकते नही तुम थकते नही
तुम कहीं कभी भी थमते नही
क्या बात तुम्हारी है न्यारी
पीछे भी कभी तुम मुडते नही
तुमको न कोई बांध सका
सब मर्जॊं की तुम एक दवा
जो चाल तुम्हारी समझ गया
धरती पर उसने है राज किया
हे समय बड़े तुम बलशाली
वीरों को देते खुशहाली
सब आस निराश के ज्ञाता तुम
सुख ओर दुखॊं के दाता तुम
तुम से ही जग में है वैभव
हो अभय तुम्हीं तुम ही अमृत
हे समय तुम्हें हम करे नमन
पीड़ा जग की अब करॊ हरण
हे समय तुम्हारे साथ है हम! !

- अभय शर्मा

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Abhaya Sharma

Abhaya Sharma

Bijnor, UP, India
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