Samay Ki Baat - समय की बात Poem by Abhaya Sharma

Samay Ki Baat - समय की बात

एक समय की बात सुनो
यह समय तुम्हें समझाता है
है समय बड़ा ही बलशाली
यह सबको पार लगाता है

तुम जहां आज हो
कल कहां मिलोगे
कल तुम थे कल वे होंगें
कल-कल जीवन के पल होंगे

यह आना जाना लगा रहेगा
जीवन का पहिया चला चलेगा
नही नियति की यह चाल नई
बीती है सदियां गिन कई-कई

यह समय-समय की बात सखे
विरला जोगी ही परख सके
बहती नदिया में बहता चल
जितना है जीवन जीता चल

- अभय शर्मा

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Abhaya Sharma

Abhaya Sharma

Bijnor, UP, India
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