A-319 तेरे पहलू में 28.9.17- 10.34 PM
तेरे पहलू में आकर दम तोड़ दिया
वो रिश्ता वो नाता सब छोड़ दिया
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बहुत अच्छे 21.3.16- 7.36 AM
बहुत अच्छे दिन जो हमने गुजारे हैं
न कभी हम जीते थे न कभी हारे हैं
तुमने जो खेल दिया जिंदगी में
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क्या रखा है -13.9.15—10.32 AM
क्या रखा है
मंदिर और गुरुद्वारों में
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कि तुम कहाँ हो। ……
मेरे इतने करीब आओ कि मुझमें समा जाओ
मैं तुमको ढूंढ़ता रहूँ तुम यह भी बता न पाओ
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क्यूँ? 10.4.16—5.00 AM
क्यूँ हाँथ छुड़ाते हो
दूर भी तो नहीं जाते हो
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कुछ भी 21.4.16—6.45 AM
यह कैसी ज़िंदगी है
यह किसकी बंदगी है
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डर लगता है तेरे पास आने में 24.4.15- 4.15 AM
डर लगता है तेरे पास आने में
आने हँसने और मुस्कुराने में
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मैं अब बड़ी हो गयी हूँ-13.8.15—10.33 PM
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क्या फर्क पड़ता है 19.12.15—6.42 AM
क्या फर्क पड़ता है……….
कि तुम कितने महान हो
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कितने डरे हुए हो 23.2.16—7.51 AM
कितने डरे हुए हो कितने सधे हुए हो
मौत का जो डर है कितने मरे हुए हो
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