Pawan Kumar Bharti

Pawan Kumar Bharti Poems

कभी उनको खून से सींचना भी पड़ता है,
नये रिश्ते यूँ ही बनाए नही जाते!
कदूरतें और जख्म कुछ मिले ही ऐसे हैं,
भूलकर भी जो कभी भुलाए नही जाते! !
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राक्षस रूप मे पहले भी, हालाँकि रहते थे उन्मादी!
आधुनिक दौर मे मगर, वो कहलाते हैं आतंकवादी! !
क्यूँ पूछते हो कि आतंकवादी का क्या मज़हब है!
कौन है उसका ईश्वर, अल्लाह, जीसस या रब है! !
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देख-देख के मुझको खुश होती थी माँ!
मुझे परेशानी हो तो हमेशा रोती थी माँ! !
उसके दिल मे मेरे लिए चाहत बहुत थी!
मुझे खुश देखके उसे, राहत बहुत थी! !
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दीवाली खूब मनाना रे! !
जमकर धूम मचाना रे!
लेकिन ये भूल ना जाना रे! !
बाहर का अंधेरा भगाकर,
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बिना देखे ऊँचाई जो पर्वत पे चढ़ जाते हैं!
घबराते नही ज़रा भी वो आगे बढ़ जाते हैं! !
गिरते तो क्योंकि सब हैं, गिरने का क्या है!
विजेता वे ही होते हैं जो गिर के संभल जाते हैं! !
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दबे दिलों मे अब भी, कई राज भी हैं!
ग्रस्त कई रोगों से ये समाज भी है! !
यूँ तो कहने को मिट गयी हैं दूरियाँ मगर!
फांसले कल भी थे फांसले आज भी हैं! !
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जागो देश के सपूतों तुम्हारी आन ख़तरे में!
जिसका रौब दिखाते हो वो शान ख़तरे में! !
हर चीज़ पे ही जैसे पड़ गयी हो गिद्धड़ृष्टि!
लगता है जैसे सारा हिन्दुस्तान ख़तरे में! !
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जीवन में यदि रही ना आशा,
हटेंगें कैसे ये धुँध कुहासा!
उम्मीद की लौ जला के रखना,
छाई हो भले घोर निराशा! !
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जाना नही चाहता मैं काशी, ना जाना चाहता काबा!
ना ही कोई सिद्ध स्वामी, ना बनना चाहता हूँ बाबा! !
ना कोई बड़ा चित्रकार, ना कोई साहित्यकार बनूँ!
कोई कवि भी ना बनूँ, ना कोई शिल्पकार बनूँ! !
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पहले प्रयास मे लक्ष्य तक पहुँचे मंगलयान को बधाई!
इस दुनिया के ऐसे पहले देश हिन्दुस्तान को बधाई! !
जिस जिस की शुभकामनाएँ इस अभियान से जुड़ी थी!
साँस थाम के इंतजार कर रहे हर इंसान को बधाई! !
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Pawan Kumar Bharti Biography

Full Name: Dr. Pawan Kumar ‘Bharti’ Chauhan Born in: Jamaalpur Maan, Raja Ka Tajpur in District Bijnore (UP) DOB: The 07 April 1982 Father: Dr. Jairam Singh (Teacher) Mother: Smt. Sarvesh Chauhan Education: Gurukula Kangri University, Haridwar Previous Work: as Lecturer (Adhoc) Gurukula Kangri University (from Feb 2005 to Dec 2007) . Qualification: M.Sc., Ph.D., PGDISM, FASEA, FANSF Publications: 50 Books, > 100 articles,350 Poems,03 Patents Awards Received: Best Research Award (2015) , ANSF Fellow award (2014) , Bharat Excellence Award (2013) , Kavya Vigyan Ratna (2009) , Haridwar Kavya Ratna (2008) , ASEA Fellow award (2006) and few other awards. In advisory/editorial Board of Journals: 22 International Journals. Member of 30th Indian Scientific expedition to Antarctica (2010-11) . Nominated for 'Man of the year' by IBC, Cambridge, England Biography has been published in 'Who's Who in the World' 32nd Edition, USA. Foreign visits: South Africa, Antarctica, UAE, Bhutan and Nepal. Present Job: Scientist in Shriram Institute for Industrial Research, Delhi, India. Additional Responsibility: Guest Faculty, Environment, DSVV, Haridwar Vice President (Executive) , SEHAT NGO (www.sehatindia.in))

The Best Poem Of Pawan Kumar Bharti

गैरत (Pudecity)

कभी उनको खून से सींचना भी पड़ता है,
नये रिश्ते यूँ ही बनाए नही जाते!
कदूरतें और जख्म कुछ मिले ही ऐसे हैं,
भूलकर भी जो कभी भुलाए नही जाते! !
जाने कौन, कब, कहाँ छिड़क दे नमक इनपे,
अपने जख्म सबको ही दिखाए नही जाते!
पता है कि टूट जाएँगे इस गैरत को लेकर,
बिना ग़लती सिर मगर झुकाए नही जाते! !
जाने कौन बैठ जाए आस्तीन मे घुसकर,
गले इसलिए सब लोग लगाए नही जाते!
दोबारा कभी उसको माफ़ करना मत 'पवन',
धोखे क्योंकि बार-बार खाए नही जाते! !

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