अपना दर्देजिगर, गिलीनजर, रुठाशहर
दिखाना किसको
जब अपना अपना न हो तो
बतलाना किसको
अपनों की हट पर आशियाने का टूटना तो
फिर सुनाना किसको
उनके दिल की शिद्दत से पुरानी यादो का मिटाना तो
फिर इबादत करना किसको
वक़्त से ज्यादा आँसुओ का गिर जाना
सोचता हूँ सम्भालू किसको
यादों से ज्यादा दिलो का बिखर जाना
परेशान हूँ अब निकालू किसको