खुशियों के इस शोर को, आज रहने दो।
भीगी हुई इस भोर को, आज रहने दो।
भाता नहीं है हमको संगीत इस शहर का,
तुम अपने दिल में ही, दिल की आवाज रहने दो।
कल रात का किस्सा भूले नहीं है हम अब तक,
अंजाम नहीं होगा मगर आगाज रहने दो।
जो चल रहा है उसे कौन बदलेगा,
ऐसा ही मेरे दर्द का, रिवाज रहने दो।
हर आग में सर्दी भर गया हो बेरहम,
तो मेरे दमन ये सर्द जलन आज रहने दो।।
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