तेरी नाराजगी का भी कोई राज़ तो है जाना
तेरीबेरुखीमेंभी थोड़ा प्यार तो है जाना
मैंने देखा है राहों में, तु पलट कर देखती तो है
जब भी कहीं से गुजरता हूँ, नजरें फेंकती तो है
सुना दे मेरे लिए तेरी आवाज क्या है?
जो मुझे भी नहीं पता वो राज़ क्या है?
गर ये सच है तो फिर एतराज क्यों है जाना
तेरी नाराजगी का भी कोई राज़ तो है जाना
तेरी बेरुखी में भी थोड़ा प्यार तो है जाना
जाना मैं तेरा दीवाना.....
ओ जाना मैं तेरा दीवाना.....
जब घुली तेरी मेरी आँखे, उनमे राज एक गहरा था
मेरी आँखों में रूप तेरा, तेरी आँखों में 'राज' का चेहरा था
सबकुछथाउस पल में महज इजहार नहीं था
तु ही बता वो प्यार नहीं था! क्या प्यार ही नहीं था?
समझ उलझने इनमे कुछ सार तो है जाना
तेरी बेरुखी में भी थोड़ा प्यार तो है जाना
तेरी नाराजगी का भी कोई राज़ तो है जाना
जाना मैं तेरा दीवाना...
ओ जाना मैं तेरा दीवाना....
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