न मैंने कुछ कहा न उसने कुछ ~ Poem by M. Asim Nehal

न मैंने कुछ कहा न उसने कुछ ~

Rating: 5.0

घूरती ऑंखें थी उसकी,
और दुःख भरा चेहरा मेरा,
न मैंने कुछ कहा न उसने कुछ.

भीड़ को चीरती आवाज़ आयी वहां,
आँखों से सब देख लिया,
न मैंने कुछ सुना न उसने कुछ.

तन्हाई ने खिड़की से जब झाँका वहां,
सिर्फ सन्नाटा ही दिखाई दिया,
न मैंने कुछ महसूस किया न उसने कुछ.

ऑंखें मेरी कई सवाल करती रही,
उनकी आँखों ने जवाब दिया,
न बोला मैंने कुछ न उसने कुछ.

COMMENTS OF THE POEM
Deepak S S 04 May 2021

Wah bhai wah

1 0 Reply
Varsha M 03 May 2021

Par fir bhi issara ho gaye na maine kuch kaha na unhone kuch bola. Bahut sundar rachna.

2 0 Reply

Wah wah khamoshi ne sab kuch kiya.

2 0 Reply
S H 02 May 2021

Got a rough idea from Google translation, great write.

2 0 Reply
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