और तुम्हारी यादें (मुक्तक सीरीज़) Poem by Raj Rathod

और तुम्हारी यादें (मुक्तक सीरीज़)

अन्तः मन में घोर उदासी और तुम्हारी यादें
प्यासे होंठ, धड़कन प्यासी, और तुम्हारी यादें
ऊब गया है मन दुनिया से रंग बिरंगे झमेलों से
कृष्ण-राधिका, द्वारिका-काशी और तुम्हारी यादें


विरह धरती, सुना आकाश, और तुम्हारी यादें
मध्यमहवाएं, धीमीसाँस, और तुम्हारी यादें
बहुत सुकून मिला मुझको शिव-भोले की नगरी में
ऊँचे पर्वत, एकांतवास, और तुम्हारी यादें

Thursday, November 15, 2018
Topic(s) of this poem: heart love,hindi,love,love and dreams,love and friendship,love and life
COMMENTS OF THE POEM
READ THIS POEM IN OTHER LANGUAGES
Raj Rathod

Raj Rathod

Khargone, India
Close
Error Success