अन्तः मन में घोर उदासी और तुम्हारी यादें
प्यासे होंठ, धड़कन प्यासी, और तुम्हारी यादें
ऊब गया है मन दुनिया से रंग बिरंगे झमेलों से
कृष्ण-राधिका, द्वारिका-काशी और तुम्हारी यादें
विरह धरती, सुना आकाश, और तुम्हारी यादें
मध्यमहवाएं, धीमीसाँस, और तुम्हारी यादें
बहुत सुकून मिला मुझको शिव-भोले की नगरी में
ऊँचे पर्वत, एकांतवास, और तुम्हारी यादें
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