बेटियां पावन दुआएं हैं
बेटियां वही नौ कन्यायें हैं
जिनको पूजे धरती गगन
फिर क्यों मारते हो बेटियों को
बेटियां ही है आज का सूरज
बेटियां ही कल की दुआएं हैं
लवकुश, ध्रुव, प्रहलाद
जैसे बेटे दिए
बेटियों ने
भगतसिह, सुखदेव, राजगुरु
जैसे बेटे दिए
भारत आजाद कराने को
बेटियां वही माँ एवं ममताएं है
बेटियां पावन दुआएं हैं
बेटियां
कभी राधिका
कभी सीता
बनकर आयी है
कभी झाँसी की रानी बनकर
भारत माँ की लाज बचाई है
फिर क्यों मारते हो बेटियों को
बेटियों ने ही तो दुनिया बनाई है
फिर क्यों अत्याचार बेटियों पर?
क्यों मार कर इन्हें फेकते हो?
क्यों जन्म नहीं लेने देते बेटियों को?
जब बेटियां ही है सब कुछ
फिर क्यों बेवजह सजा देते हो?
क्यों बढ़ने नहीं देते आगे?
क्यों बेटियों को तुम सताते हो?
क्यों करते हो हैवानियत?
क्यों यम बनकर
बेटियों को
मौत के मुह में छोड़ आते हो?
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