मैं कुछ स्पष्ट कारणों से शैतान से ईर्ष्या करता हूँ,
शैतान इस धरती पर अपनी तरह का एक है,
वह अथक परिश्रम करता है और समर्थकों को सहजता से ढूंढता है,
वह न तो सोता है और न ही अपनी शान पर आराम करता है,
और न कभी अपनी उपलब्धियों का ढिंढोरा पीटता है,
उसने अपने आप को सभी प्रकार के अहंकार से मुक्त कर लिया।
उसने सभी को खुश करने की कला में महारत हासिल की।
उसकी मेहनत पर कोई सवाल नहीं उठा सकता,
वह सृष्टिकर्ता से किए गए अपने वादों को पूरा करता है,
और अपनी पूरी ईमानदारी से मनुष्यों को भी गुमराह करता है ।
Sirji aapki ye rachna kheech lejati un teelon par jahan se hum kabhi aachayeeon ko dekhna chahte the par satan ke bure mansubon me pase reh jate kyonki uska kaam he ye hai. Aap ki ye kavita hame aagah karti hai aise saitanon se satark rehne ke liye.