चलता है ये दिल.... Poem by M. Asim Nehal

चलता है ये दिल....

Rating: 5.0

एक हसरत, एक तमन्ना लिए फिरता है ये दिल
ख्वाबों के पंख लगा उड़ता है ये दिल
मिले इसे मंज़िल या न मिले
फिर भी चलता है ये दिल
चलता है ये दिल....

बेचैन रहता है ये सदा और मचलता है ये दिल
छाओं से धूप से गुज़रता है ये दिल
दिन और रात में फ़र्क़ नहीं करता
जज़्बात से संभालता है ये दिल
चलता है ये दिल.....

आज़मईशें जितनी भी हो सहकर मुस्कुराता है ये दिल
मचलती लहरों पर थिरकता है ये दिल
चट्टानों से टकराता है फिर भी
संभालता है, चलता है ये दिल
चलता है ये दिल....

इसकी दुनिया भी बड़ी अजीब सी दुनिया है
किसे पसंद करें किस से बग़ावत कर ले
रिश्तों की परवाह किये बिना
खुद को समझता है ये दिल
चलता है ये दिल....

This is a translation of the poem Yet This Heart Moves On And On~ by M Asim Nehal
Wednesday, September 8, 2021
Topic(s) of this poem: heart song,cute love
COMMENTS OF THE POEM
Rajeshwari Bala 09 September 2021

No words to describe the beauty of this poem.

2 0 Reply
Mamta S 09 September 2021

Kya baat hai, Bahut badiya.

2 0 Reply
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