पीपल का पेड़.... Poem by M. Asim Nehal

पीपल का पेड़....

Rating: 5.0

हरे भरे खेतों में, खिले हुए फूलों के बीच,
गर्म गर्म हवाओं से जूझता यह पीपल का पेड़,
इसकी शाखाएँ आसमान तक ऊँची हैं,
शक्ति और अनुग्रह का प्रतीक हैं ।

इसके पत्ते कोमल सरसराहट करते हैं,
न जाने हवाओं से ये क्या फुसफुसाहट करते हैं,
इसकी शाखाएँ स्वतंत्र रूप से झूमती हैं,
प्रकृति की महिमा में एक नृत्य करती है,
देखने वाले सभी के लिए एक उपहार।

हर मौसम में,
पीपल का पेड़ ऊँचा और सच्चा खड़ा है,
आशा की किरण,
जीवन की सुंदरता के लिए एक श्रद्धांजलि,
प्रकृति के बीच इसका सौंदर्य देखते ही बनता है ।

इसके विपरीत,
उसका रिश्तेदार पीपल,
कठिन जीवन व्यतीत कर रहा है.
कई राजमार्गों और चौराहों से घिरा हुआ है,
वाहनों से निकलने वाला जहरीला धुंआ पी रहा है,
उसके पत्ते ताजी हवा से वंचित हैं,
उसकी सहायता की गुहार -
वाहनों के शोर के बीच अनसुनी रह जाती है।

पीपल का पेड़....
Thursday, June 1, 2023
Topic(s) of this poem: tree,nature love
COMMENTS OF THE POEM
Geeta Radhakrishna Menon 10 October 2023

Such a beautiful poem on Peepal tree. Loved it in Hindi. Superb! ......Top marks and to my favourite

0 0 Reply
Rajan T Renganathan 02 June 2023

ये बड़ी दुखद बात है को आज पेड़ों को भी ये सब सहना पढ़ रहा है, ये समस्या का कोई हल है क्या?

1 0 Reply
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