कोई- Someone - Poem In Hindi Poem by M. Asim Nehal

कोई- Someone - Poem In Hindi

Rating: 5.0

नैनों की डोरी से दिल की पतंग उड़ा रहा है 'कोई'
इस अंजनी दुनिया में अपना नज़र आ रहा है 'कोई '

ख्याल नहीं आते थे रातों को भी कभी
अब तो सूरज की रोशनी में सुला रहा है 'कोई'

धीरे धीरे कोहरा छटता जा रहा है
दूर का 'कोई ' राही जैसे पास आ रहा है

अब तो पलकों की चिलमन का द्वार जैसे खटका रहा है 'कोई'
इस अंजनी दुनिया में अपना सा नज़र आ रहा है 'कोई'

हथेली में चांदनी लिए
ज़िन्दगी को फरहा करने आ रहा है 'कोई'

चिलमिलती धुप में बरसात का एहसास करा रहा है 'कोई'
बचकानी हरकतों पर रोक लगा रहा है 'कोई'

पास आकर गुद -गुदा मुस्कुरा कर एक कमरा अपना
स्थायी बना रहा है 'कोई'

एक पागल दिल लगाकर, कलम चलाकर ये सब लिखता जा रहा है
जैसे ये सब बातें इसको बतला रहा है 'कोई'

Thursday, August 13, 2020
Topic(s) of this poem: love,someone
COMMENTS OF THE POEM
Rajnish Manga 13 August 2020

बहुत सुंदर कहा है आपने. प्रेम में कई काम बेखुदी में हो जाते हैं जैसे कोई हमसे करवा रहा हो. आप हिंदी और उर्दू पर अधिकारपूर्वक लिखते हैं जैसा कि इन कविताओं से स्पष्ट है. कहीं कहीं टाइपिंग की त्रुटियाँ है, ठीक कर लें. बहुत बहुत धन्यवाद.

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Aarzoo Mehek 13 August 2020

Wah ji wah bohot kuch likhwa raha hai. Koi Khuda salamat rakhe tumhari kalam ko Us kalam se gunguna raha hai koi Khoobsurat kalaam dheron daad.10++

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M Asim Nehal 13 August 2020

धीरे धीरे कोहरा छटता जा रहा है Already corrected after posting but did not appear till now एक पागल दिल लगाकर, कलम चलाकर ये सब लिखता जा रहा है.....

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Megha Paritani 13 August 2020

Some is so good that inspired you to pen down this wonderful poem. Thanks for sharing.

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Dipesh Raghav 13 August 2020

Saral shabdon me apne ye kamaal kiya jo tareef ke kabil hai. Kalam ka jaadu hai aur shad ka jaal.

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Kiran lekhi 13 August 2020

Lay aur geet dono ka sahi mishran hai. Khoob achchi lagi ye kabita.

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Kamlesh Fauji 13 August 2020

Koi toh hai joye kiye jaa raha hai warna hum toh kisi ke liye tadap rahe hai.Wah wah...

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Sharad Bhatia 13 August 2020

एक और बेहतरीन कविता, जिसे पढ़कर दिल खुश हो गया ।। कोई" वो जिससे मिलने के लिए मन बार-बार कर जाये, " कोई" वो जो रह - रह कर मुझे रातों मे परेशान कर जाये ।। कोई वो जो अंखियों के सामने बार-बार आए, . फिर धीरे से ओझल हो जाए ।। Again rated 1000++ and regards

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