नैनों की डोरी से दिल की पतंग उड़ा रहा है 'कोई'
इस अंजनी दुनिया में अपना नज़र आ रहा है 'कोई '
ख्याल नहीं आते थे रातों को भी कभी
अब तो सूरज की रोशनी में सुला रहा है 'कोई'
धीरे धीरे कोहरा छटता जा रहा है
दूर का 'कोई ' राही जैसे पास आ रहा है
अब तो पलकों की चिलमन का द्वार जैसे खटका रहा है 'कोई'
इस अंजनी दुनिया में अपना सा नज़र आ रहा है 'कोई'
हथेली में चांदनी लिए
ज़िन्दगी को फरहा करने आ रहा है 'कोई'
चिलमिलती धुप में बरसात का एहसास करा रहा है 'कोई'
बचकानी हरकतों पर रोक लगा रहा है 'कोई'
पास आकर गुद -गुदा मुस्कुरा कर एक कमरा अपना
स्थायी बना रहा है 'कोई'
एक पागल दिल लगाकर, कलम चलाकर ये सब लिखता जा रहा है
जैसे ये सब बातें इसको बतला रहा है 'कोई'
Wah ji wah bohot kuch likhwa raha hai. Koi Khuda salamat rakhe tumhari kalam ko Us kalam se gunguna raha hai koi Khoobsurat kalaam dheron daad.10++
धीरे धीरे कोहरा छटता जा रहा है Already corrected after posting but did not appear till now एक पागल दिल लगाकर, कलम चलाकर ये सब लिखता जा रहा है.....
Some is so good that inspired you to pen down this wonderful poem. Thanks for sharing.
Saral shabdon me apne ye kamaal kiya jo tareef ke kabil hai. Kalam ka jaadu hai aur shad ka jaal.
Lay aur geet dono ka sahi mishran hai. Khoob achchi lagi ye kabita.
Koi toh hai joye kiye jaa raha hai warna hum toh kisi ke liye tadap rahe hai.Wah wah...
एक और बेहतरीन कविता, जिसे पढ़कर दिल खुश हो गया ।। कोई" वो जिससे मिलने के लिए मन बार-बार कर जाये, " कोई" वो जो रह - रह कर मुझे रातों मे परेशान कर जाये ।। कोई वो जो अंखियों के सामने बार-बार आए, . फिर धीरे से ओझल हो जाए ।। Again rated 1000++ and regards
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बहुत सुंदर कहा है आपने. प्रेम में कई काम बेखुदी में हो जाते हैं जैसे कोई हमसे करवा रहा हो. आप हिंदी और उर्दू पर अधिकारपूर्वक लिखते हैं जैसा कि इन कविताओं से स्पष्ट है. कहीं कहीं टाइपिंग की त्रुटियाँ है, ठीक कर लें. बहुत बहुत धन्यवाद.