हवा हूँ, मैं बनजारा हूँ,
लोफ़र हूँ, आवारा हूँ//
भौंरा हूँ, मैं फूल भी हूँ,
धरती का मैं धूल भी हूँ
नदियों का किनारा हूँ
बहती तेज मैं धारा हूँ//
हवा हूँ, मैं बनजारा हूँ,
लोफ़र हूँ, आवारा हूँ//
भीरू मैं, मैं वीर भी हूँ,
रांझा मैं, मैं हीर भी हूँ
अपनो का नाकारा हूँ
दुखियों का सहारा हूँ//
हवा हूँ, मैं बनजारा हूँ,
लोफ़र हूँ, आवारा हूँ//
सतरंजी इस दुनिया में,
मैं तो बस एक मोहरा हूँ
मीठा मैं, मैं खारा हूँ
जीता मैं, मैं हारा हूँ//
हवा हूँ, मैं बनजारा हूँ,
लोफ़र हूँ, आवारा हूँ//
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आफ़ताब आलम 'दरवेश'
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