डॉ राहत इंदौरी के 22 बेहतरीन शेर In English Translation Poem by Ravi Kopra

डॉ राहत इंदौरी के 22 बेहतरीन शेर In English Translation

Rating: 5.0


1

Say something, look into my eyes,
Why don't you answer me?
I have been used so many times.
Could you please tell me, why?


2

At every turn they stop
and wonder which way to go;
If they are so afraid of life,
Why do they venture out of their homes?


3

I am not like the leaves that
fall off the branches of the trees.
Tell the blowing winds
To mind their own business.


4

Keep tears in your eyes,
on lips, the fierce flames.
If you want to live,
Never give up your dreams.


5

One stream, but it has
Two banks, friends,
Love your life and
Befriend you death, friends.


- to be translated furth


डॉ राहत इंदौरी के 22 बेहतरीन शेर

1.ज़ुबाँ तो खोल नज़र तो मिला जवाब तो दे
मैं कितनी बार लूटा हूँ मुझे हिसाब तो दे।

2. लोग हर मोड़ पे रूक रूक के संभलते क्यूँ है
इतना डरते है तो घर से निकलते क्यूँ है।

3. शाखों से टूट जाए वो पत्ते नहीं है हम
आँधी से कोई कह दे के औकात में रहे।

4. आँखों में पानी रखो होठों पे चिंगारी रखो
जिंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो।

5. एक ही नदी के है यह दो किनारे दोस्तो
दोस्ताना ज़िन्दगी से, मौत से यारी रखो।


6 फूक़ डालूगा मैं किसी रोज़ दिल की दुनिया ये तेरा ख़त तो नहीं है की जला भी न सकूं। 7. कही अकेले में मिलकर झंझोड़ दूँगा उसे जहाँ जहाँ से वो टूटा है जोड़ दूँगा उसे मुझे वो छोड़ गया ये कमाल है उस का इरादा मैंने किया था की छोड़ दूँगा उसे। 8. जा के ये कह दो कोई शोलो से, चिंगारी से फूल इस बार खिले है बड़ी तय्यारी से बादशाहों से भी फेंके हुए सिक्के ना लिए हमने ख़ैरात भी माँगी है तो ख़ुद्दारी से। 9. प्यास तो अपनी सात समन्दर जैसी थी, ना हक हमने बारिश का अहसान लिया। 10. मैंने दिल दे कर उसे की थी वफ़ा की इब्तिदा उसने धोखा दे के ये किस्सा मुकम्मल कर दिया शहर में चर्चा है आख़िर ऐसी लड़की कौन है जिसने अच्छे खासे एक शायर को पागल कर दिया। 11. मज़ा चखा के ही माना हूँ मैं भी दुनिया को समझ रही थी की ऐसे ही छोड़ दूंगा उसे। 12.नये किरदार आते जा रहे है मगर नाटक पुराना चल रहा है। 13 उस की याद आई है, साँसों ज़रा आहिस्ता चलो धड़कनो से भी इबादत में ख़लल पड़ता है। 14. मैं वो दरिया हूँ की हर बूंद भँवर है जिसकी, तुमने अच्छा ही किया मुझसे किनारा करके। 15. दो ग़ज सही ये मेरी मिल्कियत तो है ऐ मौत तूने मुझे जमींदार कर दिया। 16. हर एक हर्फ का अन्दाज बदल रक्खा है आज से हमने तेरा नाम ग़ज़ल रक्खा है मैंने शाहों की मोहब्बत का भरम तोड़ दिया मेरे कमरे में भी एक ताजमहल रक्खा है। 17. ना हम-सफ़र ना किसी हम-नशीं से निकलेगा हमारे पाँव का काँटा हमीं से निकलेगा। 18. बहुत गुरूर है दरिया को अपने होने पर जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड़ जाय। 19. रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है चाँद पागल है अंन्धेरे में निकल पड़ता है। 20.छू गया जब कभी ख़याल तेरा दिल मेरा देर तक धड़कता रहा। कल तेरा जिक्र छिड़ गया था घर में और घर देर तक महकता रहा। 21. कभी महक की तरह हम गुलों से उड़ते हैं, कभी धुए की तरह परबतों से उड़ते हैं, ये कैंचियाँ हमें उड़ने से ख़ाक रोकेंगी, के हम परों से नहीं हौसलों से उड़ते हैं...22. तूफ़ानों से आँख मिलाओ, सैलाबों पे वार करो मल्लाहों का चक्कर छोड़ो, तैर के दरिया पार करो फूलों की दुकानें खोलो, ख़ुशबू का व्यापार करो इश्क़ ख़ता है तो ये ख़ता एक बार नहीं सौ बार करो।

Saturday, August 15, 2020
Topic(s) of this poem: lyrics
POET'S NOTES ABOUT THE POEM
डॉ राहत इंदौरी, a lyricist for Indian cinema, passed away recently.
COMMENTS OF THE POEM
Sharad Bhatia 15 August 2020

बेहतरीन जनाब जी, मान गए आपको आज आपने समा बाँध दिया क्या अर्ज़ करूँ उनकी तारीफ मे, जितना कहा जाए वो कम हैं।। Thankyou so much sir for sharing such a beautiful शेर

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