आपके सामने कुछ वक्तव्य उद्धृत कर रहा हूँ:
‘सार्वजनिक संपत्ति को नुक्सान पहुंचाने वालों को
हमारी सरकारों ने कुत्तों की तरह मारा'
‘प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री का जो विरोध करेगा
उस को मैं जमीन में जिंदा गाड़ दूंगा'
‘मुस्लिम देशद्रोही हैं' ‘गोडसे देशभक्त है'
‘देश के गद्दारों को गोली मारो सालों को'
उपरोक्त कथन किसी गुंडे मवाली के नहीं
बल्कि सत्तापक्ष के नेताओं के सुभाषित हैं
ऐसे अनेक उदाहरण पेश किये जा सकते हैं
ऐसे बयानों की गिनती प्रतिदिन बढ़ रही है
है कोई इनको रोकने, टोकने, समझाने वाला?
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We are going through a very horrible time. Tolerance level is almost zero. Branding anyone as a traitor and harassing in social media has become a day to day affair. Very rightly said. Thanks for sharing.