अभी कुछ बात बाक़ी है ज़रा तुम भी ठहर जाओ- Hindi Poem Poem by M. Asim Nehal

अभी कुछ बात बाक़ी है ज़रा तुम भी ठहर जाओ- Hindi Poem

Rating: 5.0

अभी तो साँझ ने आकर महज़ दस्तक दी है
अभी पंछियों का घौसलों में लौटना बाक़ी है
अभी सूरज कि शाओं में कुछ हरारत बाक़ी है
अभी तो चाँद ठहरा है, ज़रा तुम भी ठहर जाओ

अभी लहरों ने साहिल से आकर बातें शुरू की है
अभी हवाओं ने ज़रे से बदल उड़ाएं हैं
अभी कुछ कुछ महकने लगी है रात की रानी
अभी सितारों ने कुछ घूँघट हटाया है, ज़रा तुम भी ठहर जाओ

ठहर जाओ के अब तो रात का आलम भी बाक़ी है
गुज़रे वक़्त के सुहाने सफर का कारवां भी बाक़ी है
अभी तो हवाओं ने बस एक तार छेड़ा है
अभी तो गीत बाक़ी है, ज़रा तुम भी ठहर जाओ

ज़बान पे आते आते एक बात ठहरी है
आँखों में उतरने के लिए एक बारात ठहरी है
उमंगें, तरंगे, अरमान और आरज़ूएं ठहरी हैं
ज़बीं पर बल बाक़ी है, ज़रा तुम भी ठहर जाओ

ठहर जाओ के अब ज़ोरो से बूंदे बरसती है
ज़मीं गीली है और आँखों में नमी भी है
इन्हें कुछ और होने दो,हमें कुछ और रोने दो
ज़रा सी रात बाक़ी है, ज़रा तुम भी ठहर जाओ

COMMENTS OF THE POEM
Kumarmani Mahakul 01 September 2020

Many things have not happened and one by one things will come into existence. Everything right will happen here. Night to light we have to witness. An amazing poem is excellently penned...10

2 0 Reply
Deepak S S 01 September 2020

Wah wah ज़बान पे आते आते एक बात ठहरी है आँखों में उतरने के लिए एक बारात ठहरी है उमंगें, तरंगे, अरमान और आरज़ूएं ठहरी हैं ज़बीं पर बल बाक़ी है, ज़रा तुम भी ठहर जाओ

2 0 Reply
Rajnish Manga 01 September 2020

रचना पढ़ते हुये ऐसा लगा जैसे प्रकृति ने अपने तमाम आकर्षणों को गूंथ कर एक खुशनुमा नुमाइश आयोजित है जिसमें एक प्रेमी अपनी प्रेमिका को रोकने का आग्रह करता है ताकि वक़्त रहते इसका आनन्द उठाया जा सके. एक अति उत्तम रचना. धन्यवाद, असीम जी.

2 0 Reply
Varsha M 01 September 2020

Very well written and expressed every emotions and feelings. Admirations.

2 0 Reply
Sharad Bhatia 01 September 2020

वाह, बेहतरीन ज़रा ठहर जाओ, अभी बातें बाकी है वो मुलाकातें बाकी है ज़रा ठहर जाओ 1000++

2 0 Reply
READ THIS POEM IN OTHER LANGUAGES
Close
Error Success