अस्त होता सूर्य और आकाश में चमता सितारा
क्या यह स्पष्ट बुलावा नहीं!
और जब मै समुद्र से मिल जाऊँगा
न कोई शोर न शराबा होगा
समुद्र में उठती लहरें एक दम शांत लगने लगेगी
आवाज़ और झाग से भरी हुई
जैसे बहुत गहरायी से निकली हुई
और अब घर को लौट चली
गोधूलि और संध्या की बजती घण्टियाँ,
इसके बाद होता अँधेरा
अब शायद मेरे जाने का कोई दुःख न होगा
जब मै अनंतकाल चला जाऊँगा
हालांकि मौत कि बाढ़ मुझे दूर ले जाएगी
शोक के समय और स्थान से
वहां, जहाँ मै अपने ईश्वर से रूबरू होगा
इस जीवन को त्याग कर.
क्या गजब का ट्रांसलेशन किया है आपने पढ़कर बहुत मजा आया यह एक दिल को छू लेने वाली कविता है एक महान कवि द्वारा लिखी हुई जो जीवन के अंतिम क्षणों में अपने ईश्वर से मिलने तथा उनसे रूबरू होने कि अपनी मना स्थिति को बखूबी लिखा और यह प्रार्थना भी की कि इस कविता को सबसे आखरी कविता के रूप में प्रकाशित किया जाए ताकि लोगों को यह मालूम हो कि यह उनका अंतिम कार्य था
अस्त होता सूर्य और आकाश में चमता सितारा क्या यह स्पष्ट बुलावा नहीं! ....This poem is very beautifully penned with interesting philosophy. Life s followed by death. This is very true. Always there is clear indication. An amazing poem is shared.
Beautiful translation. Death can be so beautiful The joy of meeting god is so vivid in this poem. 5******