वोटर की स्थिति (Hindi) Poem by Rajnish Manga

वोटर की स्थिति (Hindi)

Rating: 5.0

(1)

यूँ वोटर भाग्य विधाता है,
पर नेताओं से लुट जाता है.
मेरी राम कथा सुनियेगा
सुनते सुनते सिर धुनियेगा
सभी दिशायें शंकालू हैं,
प्रश्नों के अनगिन भालू हैं.
पतवारों के बिना है नैया,
लहरों से अनजान खिवैया.
**

(2)

चोट तो कोई ख़ास नहीं,
जनता को विश्वास नहीं.
अपने लुटने की लाचारी,
चोट करे दिल पर भारी
ऊँचे सबसे जन गण मन
उनसे ही सौतेलापन.
नेता नेता भाई भाई,
ज्यादातर हैं निरे कसाई.
**

(3)
वोटर क्या चाहता है?

सेवा करो, व्यापार नहीं,
इससे कम स्वीकार नहीं.
सुख में दुःख में एक रहेंगे,
मरते दम तक नेक रहेंगे.
वोटर का अधिकार यही है,
मनमाफ़िक हथियार यही है.
तेरा मेरा क्यों करते हो,
इन झगड़ों में क्यों पड़ते हो.

Thursday, November 26, 2015
Topic(s) of this poem: democracy,desire,despondent,leader,master,murder,rights
COMMENTS OF THE POEM
Ajay Kumar Adarsh 20 August 2016

awesome lines....... मेरी राम कथा सुनियेगा सुनते सुनते सिर धुनियेगा सभी दिशायें शंकालू हैं, प्रश्नों के अनगिन भालू हैं. पतवारों के बिना है नैया, लहरों से अनजान खिवैया.

0 0 Reply
Akhtar Jawad 10 February 2016

A truthful description of an ugly politics.....................

0 0 Reply
Seema Chowdhury 28 November 2015

Do you have English translation for this poem?

1 0 Reply
Rajnish Manga 29 November 2015

I am so sorry for not having translated this poem into English, Seema ji. I will surely try to do that.

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M Asim Nehal 26 November 2015

Wah wah सेवा करो, व्यापार नहीं, इससे कम स्वीकार नहीं..................Badhiya....Neta ko yeh baar baar yaad dilate rehna hoga.....Rajnishji...10+++

1 0 Reply
Rajnish Manga 29 November 2015

मैं आपकी बात से पूर्णतया सहमत हूँ, मित्र.

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