How Long / कब तक (Hindi) Poem by Rajnish Manga

How Long / कब तक (Hindi)

Rating: 5.0

How Long by Susheela Shiju
Hindi Translation by Rajnish Manga
कब तक (मूल रचना: सुशीला शिजू)
हिंदी अनुवाद रजनीश मंगा द्वारा

जब तक मौत हमें अलग न कर दे
तुम सदा मेरा प्यार बन कर रहोगे
मुझे आज भी तुम्हारे चेहरे की ख़ुशी याद है
जब तुमने मुझे पहली बार देखा था

तुम्हारे एक प्रगाढ़ आलिंगन ने
मेरे खालीपन को भर दिया था
और जो ख़ुशी मुझे मिली थी
मेरे लिए वह कल्पनातीत ही है

फरिश्तो ने ऊपर से देखा
उन्होंने देखा तुम्हें और मुझे
उनको लगा कि हम दोनों
धरती को स्वर्ग बना देंगे

वे तुमसे व मुझसे जलने लग गए
उन्होंने ईश्वर को रोक दिया
हम दोनों को पवित्र बंधन में बंधने से
ओह वे ऐसा कैसे कर सकते हैं!

जब ईश्वर ने ऊपर से देखा
और देखा तुमको और मुझे
उसे लगा कि हम दोनों मिल कर
धरती पर स्वर्ग बना लेंगे

क्या ईश्वर भी हम दोनों से जलन रख सकता था
जो उसने फरिश्तों को इस बात से रोका कि हमारी प्रार्थनायें
उस तक पहुँच सकें
जो हमने प्रणय सूत्र में बंध जाने के लिए की थीं

अब हम है
तुम और मैं
पृथ्वी के दो अलग ध्रुवों की तरह
गहन प्यार है किंतु कुछ टूटन भी है

मैं अपनी पीड़ा का प्रतिदिन विवरण लिखती हूँ
और रात में तकिया ले कर रोती हूँ
कितनी लंबी और विरह की घड़ियाँ है
कितनी लंबी और ये टूटन रहनी है....

(Note: I am extremely grateful to Ms Susheela Shiju for having granted her permission to translate this wonderful poem into Hindi)

This is a translation of the poem How Long by Susheela Shiju
Thursday, September 24, 2020
Topic(s) of this poem: disappointment,heartbreak,hindi,loneliness,love and life,translation
COMMENTS OF THE POEM
Aarzoo Mehek 24 September 2020

मिलकर बिछड़ना बड़ी तकलीफ़ दीता है। इस दर्द भारी दास्तां को खूब कलमबंद किया आपने। हिंदी में अनुवाद एक अलग ही अनुभव देता है पढ़ने वालों को। दिल को छू जानी वाली कविता पर दाद ही दाद। १०++

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Susheela Shiju 26 December 2020

Thank you so much Rajnish Sir for this wonderful translation

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M Asim Nehal 26 September 2020

टूटे प्रेम में अक्सर लोग भाग्य को दोषी मानते हैं परन्तु कवियत्री ने सीधे भगवान् को दोषी ठहराया है वह सोच से परे हैं, हलाकि भाग्य भी भगवान् के द्वारा लिखा जाता है, प्रेमियों की पीढ़ा पर ये एक सर्व श्रेष्ठा कविता है जिसका आपने पूरी सच्चाई से सटीक अनुवाद किया है, हर शब्द अपने में पुरे मायने रखते है। बहुत खूब राजनीशजी 100****

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Kumarmani Mahakul 24 September 2020

The translation in hindi of poem 'How Long / Kab Tak' made by you is so delectable and impressive. Each and every line is interesting to read. This poem is a great philosophical poem well executed by Susheela Shiju which says much about body and soul, love and life. Well done Manga ji. Many thanks to you both. Five votes.

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Varsha M 24 September 2020

Is kavita ka aanuwad bahut sundar tareke se pure laye me aapne har bhav ko bakhubi piroya hai mano jaise aankho dekha haal bya kar rahe hoon aap. Maan ko choo liye. Dhanyawad.

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Sharad Bhatia 24 September 2020

गुरुजी सादर प्रणाम, एक और बेहतरीन कविता का प्यारा सा अनुवाद एक दर्द भरा सा एहसास अपने को अपनों से अलग होने का आपका बहुत-बहुत आभार कि आपने इतनी प्यारी सी कविता के माध्यम से एक मोहब्बत और उसका दर्द व्यक्त किया और इस कविता के माध्यम से हम सबको जिंदगी के खट्टे मीठे पहलु से अवगत कराया

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Rajnish Manga

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