Do Not Ask Me / मुझसे मत पूछो (Hindi) Poem by Rajnish Manga

Do Not Ask Me / मुझसे मत पूछो (Hindi)

Rating: 5.0

Do Not Ask Me (Written by Susheela Shiju)
Translated by Rajnish Manga
मुझसे मत पूछो (मूल रचना: सुशीला शिजू)
हिंदी अनुवाद रजनीश मंगा द्वारा

मुझसे मत पूछो
कि मैं तुम्हें कितना चाहती हूँ
मुझे ये अब तक पता नहीं कि सागर कितना गहरा है

मुझसे मत पूछो
कि मैं तुम्हें कितना चाहती हूँ
मुझे ये अब तक पता नहीं कि आकाश कितना विस्तृत है

मुझसे मत पूछो
कि मैं तुम्हें कितना चाहती हूँ
मुझे ये अब तक पता नहीं कि पृथ्वी का आकार है क्या

मुझसे मत पूछो
कि मैं तुम्हें कितना चाहती हूँ
मुझे ये अब तक पता नहीं कोई तारा कितना बड़ा होता है

यदि तुम एक एक तारे को गिन सको
यदि तुम समुद्र की रेत का कण कण गिन सको तो भी
तुम्हारे प्रति मेरा प्यार इन सबसे कहीं अधिक होगा

यदि मेरी साँसों के एवज़ में तुम पुनः पूर्णता पा सको
तो मैं अपना जीवन भी तुम पर न्यौछावर कर दूंगी
सायरस, मेरे प्यारे बच्चे

(I am grateful to Ms Susheela Shiju for having granted me her kind permission to translate this wonderful poem into Hindi)

This is a translation of the poem Do Not Ask Me by Susheela Shiju
Thursday, September 24, 2020
Topic(s) of this poem: hindi,loss,love,mother,mother and child ,questions,sacrifice,sea,sky,translation
COMMENTS OF THE POEM
Pallab Chaudhury 26 September 2020

What a lovely poem! Well crafted one.... Congrats to both the poets! 5*

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Aarzoo Mehek 25 September 2020

वो आखरी पंक्ति सब कुछ कह गई। मां की मोहोब्बत का कोई सानी नहीं। सत्तर हजार माओं की मोहब्बत रखने वाले रब की मोहब्बत की झलक नजर आती है मां की मोहब्बत में। दिल को चुंजानी वालिंकाविता लिख दिभाई आपने। ढेरों दाद १०+++

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Sharad Bhatia 24 September 2020

गुरुजी सादर प्रणाम, एक और बेहतरीन कविता का प्यारा सा अनुवाद मुझसे मत पूछो की मैं तुम्हें कितना चाहती हूँ शायद कहने से घबराती हूँ सागर मे मिले रेत के कण अनगिनत आसमाँ मे जितने सितारे शायद यहीं हैं मेरी चाहत गुरुजी, आपका बहुत-बहुत आभार की आपने इतनी सुन्दर और दिल छू लेने वाली कविता से हम सब मंत्र मुग्ध कर दिया

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M Asim Nehal 24 September 2020

Ati uttam translate kiya hai aapne, ek maa ka pyar apne putra ke liye isse behtar andaz me maine abhi tak nahi padha. Bahut bahut Dhanyavad Rajnishji...100****

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Rajnish Manga

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