कुछ कहते हैं अंत जगत का अग्नि से जल कर होगा
कुछ कहते हैं हिम से होगा.
कामनाओं की आग ने जितना मेरे मन को दग्ध किया
उससे तो लगता है इसका अंत आग ही से होगा
अगर मान ले अंत जगत का होना है दो बार
तो नफ़रत के बारे में मेरी जानकारी जितनी भी है
कह सकता हूँ महाप्रलय यह
हिम से ही होने वाली है
यूँ सृष्टि खत्म होने वाली है.
This poem is great. It's reality of the world. Thanks for hindi translation
very nice Robert frost sir very nice poem thank you very much
It's such a lovely poem. Worthy of being translated in all major languages.
Fire And Ice by Robert Frost My favourite poem no doubt this, but your Hindi translation is spot on. Well done Rajnish Manga.
Please friend help, i am so depressed how to read this in own term as you
Hey aniruddha, please help me
If you can help please reply on whatsapp ~no_8795639623 😥