The Brook by Alfred Lord Tennyson
Hindi Translation by Rajnish Manga
एक पहाड़ी नाला (मूल रचना एल्फ्रेड लार्ड टैनिसन)
(प्रथम तीन स्टेंज़ा) हिंदी अनुवाद रजनीश मंगा द्वारा
मैं कूट और हेरॉन की भूमि से आया हूँ
(कूट व हेरॉन साफ़ पानी के पक्षी है)
मैं कुलेल करते हुये आगे बढ़ता जाता हूँ
और छोटी पत्तियों वाले पौधों में चमकता
नोक झोंक करते घाटी से नीचे उतरता हूँ
तीस पहाड़ियों से हो कर मैं तेजी से नीचे आता हूँ
या पहाड़ी ढलानों के बीच से फिसलता जाता हूँ
कोई बीस गाँव/ देहातों व एक छोटे कस्बे को छूते हुये
और कोई पचासेक पुलों के नीचे से बहता आगे बढ़ता हूँ
बहते बहते मैं फिलिप्स के फार्म तक निकल आता हूँ
जहाँ मैं अपने अस्तित्व को एक बड़ी नदी में विसर्जित कर देता हूँ
यूँ समझ लो कि लोग आते भी हैं चले जाते भी हैं
पर मैं सदा बहते हुए चलता चला जाऊँगा.
Bahut khoob, Ye meri pasandida kavita hai jise mai inspire hokat " The Crook" likha...Lajawab... For men may come and men may go, But I go on for ever. I think Anand Bakshiji also got inspiration from this poem Anand Bakshiji ne bhi likha hai: Aate hain log jaate hain log paani ke jaise reley, jane ke baad.....Gadi bula rahi hai
बहते बहते मैं फिलिप्स के फार्म तक निकल आता हूँ जहाँ मैं अपने अस्तित्व को एक बड़ी नदी में विसर्जित कर देता हूँ यह समझ लो कि लोग आते रहेंगे और जाते रहेंगे लेकिन मैं हमेशा हमेशा के लिये चलता चला जाऊँगा.- - A beautiful translation of Alfred Lord Tennyson's poem 'The Brook'.
गुरुजी सादर प्रणाम, माफी चाहता हूँ कुछ समय की व्यस्तता के कारण मैं आपकी यह इतनी प्यारी रचना नहीं पढ़ पाया जिसका मुझे अत्यंत खेद है एक प्यारा सा एहसास जीवन के बारे में, उसके एहसास के बारे में सब चले जाते हैं, पर एहसास कायम रहता है आभार आपका जो आपने इतनी बेहतरीन रचना का बहुत बेहतरीन अनुवाद किया और हम सब को अपनी प्यारी सी कविता के द्वारा मंत्रमुग्ध किया
तीस पहाड़ियों से हो कर मैं तेजी से नीचे आता हूँ या पहाड़ी ढलानों के बीच से फिसलता जाता हूँ कोई बीस गाँव/ देहातों व एक छोटे कस्बे को छूते हुये और कोई पचासेक पुलों के नीचे से बहता आगे बढ़ता हूँ......thrilling expression in Hindi language. Originally the theme is too so lofty. Thank you both. May God bless you. Five stars.
बहते बहते मैं फिलिप्स के फार्म तक निकल आता हूँ जहाँ मैं अपने अस्तित्व को एक बड़ी नदी में विसर्जित कर देता हूँ यह समझ लो कि लोग आते रहेंगे और जाते रहेंगे लेकिन मैं हमेशा हमेशा के लिये चलता चला जाऊँगा. Dear Rajnish ji...a good selection and an excellent translation.......5 Stars
" For men may come and men may go, But I go on for ever." Famed poem of Lord Tennyson. These lines have inspired so many poets and lovers of poetry. A brook on her way to meet the river could not have been more graceful, romantic and philosophical.
Readers may kindly note that I have translated only the first three stanzas and posted the same here. I would like to translate the complete poem. As and when it is done, the same will be posted. Thanks.